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Entertainment: भारत की 'धुरंधर' का पाकिस्तान में खौफ, 'मेरा ल्यारी' से डर छुपाने की कोशिश

पाकिस्तान में इस फिल्म को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। खासकर फिल्म में ल्यारी इलाके और पुलिस ऑफिसर चौधरी असलम की छवि को जिस तरह से दिखाया गया है, उससे पाकिस्तान को मिर्ची लगी है।

Entertainment: भारत की धुरंधर का पाकिस्तान में खौफ, मेरा ल्यारी से डर छुपाने की कोशिश
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भारत में हाल ही में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म 'धुरंधर' ने धमाल मचा रखा है। फिल्म के रिलीज होते के साथ सोशल मीडिया पर इसके चर्चे शुरू हो गए और दर्शक इसे काफी पसंद कर रहे हैं। दूसरी तरफ, पाकिस्तान में इस फिल्म को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। खासकर फिल्म में ल्यारी इलाके और पुलिस ऑफिसर चौधरी असलम की छवि को जिस तरह से दिखाया गया है, उससे पाकिस्तान को मिर्ची लगी है।

फिल्म 'मेरा ल्यारी' अगले महीने रिलीज करने का ऐलान

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर अपनी भद्द पिटने के बाद पाकिस्तान सरकार ने इस पर आलोचना जताई है और अपनी फिल्म 'मेरा ल्यारी' अगले महीने रिलीज करने का ऐलान किया है। इस फिल्म के जरिए पाक सरकार यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि ल्यारी सिर्फ हिंसा का गढ़ नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, साहस, और सामर्थ्य का प्रतीक है। सिंध के मंत्री शरजील इनाम मेमन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी किया और कहा कि ल्यारी का असली चेहरा बिल्कुल अलग है और 'धुरंधर' में दिखाए गए नकारात्मक पहलू झूठे हैं।

भारतीय फिल्म का जवाब है मेरी ल्यारी

मंत्री मेमन ने कहा कि ल्यारी में केवल अपराध और हिंसा नहीं है, बल्कि यह जगह शांति, प्रतिभा और गर्व की मिसाल है। 'मेरा ल्यारी' फिल्म उसी असली ल्यारी की कहानी बताएगी, जिसे भारतीय फिल्म ने गलत तरीके से पेश किया है। पाक मंत्री का यह बयान दिखाता है कि पाकिस्तान अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को लेकर कितनी चिंता में है। 'धुरंधर' में ल्यारी इलाके में दिखाई गई गैंगवार, पुलिस ऑपरेशन और अपराध की गहरी दुनिया से डरा हुआ है।

'धुरंधर' फिल्म से पाकिस्तान असहज

पाकिस्तान सरकार के इस कदम से साफ है कि 'धुरंधर' फिल्म ने उसे असहज कर दिया है। यही वजह है कि 'मेरा ल्यारी' को तैयार किया गया। इसका मकसद 'धुरंधर' में जिस तरह का चित्रण किया गया है, उसे कवर किया जा सके।'मेरा ल्यारी' पाकिस्तान की तरफ से एक तरह का विरोध और सफाई है, जिससे यह दिखाया जा सके कि उनका देश और उनके लोग केवल हिंसा और अपराध से जुड़े नहीं हैं। अगले महीने 'मेरा ल्यारी' रिलीज होने वाली है।

'ल्यार' कब्रिस्तानों में उगने वाले पेड़ को कहते हैं

बता दें कि ल्यारी पाकिस्तान के कराची स्थित एक इलाका है। 'ल्यारी' नाम 'ल्यार' से आया है। 'ल्यार' कब्रिस्तानों में उगने वाले पेड़ को कहते हैं। 2000 के दशक में गैंगवार के दिनों में ल्यारी में कई कब्रें खुदीं। इसी शहर ने रहमान डकैत का जन्म, उदय और अंत भी देखा। रहमान डकैत ने 1990 के दशक में हथियारों, ड्रग तस्करी और उगाही के सहारे अपना साम्राज्य खड़ा किया था। साल 2000 की शुरुआत तक रहमान ने ल्यारी में ड्रग तस्करी, जबरन वसूली और जुआ रैकेट पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया। आईएएनएस


Mukesh Pandit

Mukesh Pandit

पत्रकारिता की शुरुआत वर्ष 1989 में अमर उजाला से रिपोर्टिंग से करने वाले मुकेश पंडित का जनसरोकार और वास्तविकत पत्रकारिता का सफर सतत जारी है। उन्होंने अमर उजाला, विश्व मानव, हरिभूमि, एनबीटी एवं दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में फील्ड रिपोर्टिंग से लेकर डेस्क तक अपनी सेवाएं दीं हैं। समाचार लेखन, विश्लेषण और ग्राउंड रिपोर्टिंग में निपुणता के साथ-साथ उन्होंने समय के साथ डिजिटल और सोशल मीडिया को भी बख़ूबी अपनाया है। करीब 35 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ मुकेश पंडित आज भी पत्रकारिता में सक्रिय हैं और जनहित, राष्ट्रहित और समाज की सच्ची आवाज़ बनने के मिशन पर अग्रसर हैं।

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