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SIR : अनट्रेसेबल 4.84 लाख मतदाता बने निर्वाचन व्यवस्था की सबसे बड़ी परीक्षा

मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम की धीमी रफ्तार और अव्यवस्थित कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। जिले में 4.84 लाख अनट्रेसेबल यानी “नहीं मिलने वाले” मतदाता दर्ज हैं—यह संख्या किसी एक विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी से भी अधिक है। चुनाव आयोग ने बीएलओ और राजनीतिक दलों के बीएलए को इन्हें ट्रेस करने के लिए 15 दिनों का अतिरिक्त समय दिया है, लेकिन असल सवाल यह है कि क्या इस ढर्रे पर चल रहे तंत्र से यह काम हो पाएगा?

SIR : अनट्रेसेबल 4.84 लाख मतदाता बने निर्वाचन व्यवस्था की सबसे बड़ी परीक्षा
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ग़ाज़ियाबाद,वाईबीएन संवाददाता

पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम की सूची में एक बार फिर से मूर्ति और अव्यवस्थित कार्यशैली शामिल है। जिले में 4.84 लाख अन्ट्रेसेबिलिटी अर्थात "नहीं मिलने वाले" दर्ज हैं - यह संख्या किसी एक जिला क्षेत्र की कुल जनसंख्या से भी अधिक है। चुनाव आयोग ने 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया है, लेकिन असल सवाल यह है कि इस धरे पर चल रहे तंत्र से यह काम क्यों हो रहा है?

पांचो विधानसभा का लेखा-जोखा

जिले के पांचों क्षेत्रों में एस दर्रा पहले शुरू हुआ था, कुल 28,37,991 पात्र सूची में दर्ज थे। लेकिन ग्राउंड लेवल के आंकड़े कई आंकड़े वाले तथ्य पेश करते हैं - 28,261 डुप्लिकेट वोटर, 4,08,010 ऐसे लोग जो प्रतिष्ठित रूप से दूसरी जगह पर हैं, और 58,248 ऐसे लोग अभी तक जरूरी गणना दस्तावेज ही जमा नहीं हुए हैं। यह पात्र न केवल प्रशासन की विचारधारा को दर्शाता है, बल्कि राजनीतिक विचारधारा की विचारधारा को भी इसमें शामिल करता है।

डिजिटल के सबसे आंकड़े भी तस्वीर साफ करते हैं—मोदीनगर 76.33% के साथ आगे है, जबकि साहिबाबाद पर सिर्फ 45.88% अटके हुए हैं। यह पवित्र साहिबाबाद है जहां चर्च की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और जगह-जगह अवैध निवासों के कारण पहचान का काम सबसे पहले बहुत मुश्किल है।

लगभग 5 लाख वोटर्स लापता

लोनी, मुग़फ़नगर और ग़ाज़ियाबाद शहर भी 64-66% के बीच अटके हुए हैं, जबकि पूरे जिले का औसत केवल 59.40% डिजिटल तक पहुंच पाया है। सबसे बड़ी चुनौती है- 4.84 लाख एन्ट्रेस लेबल। सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने पर कलाकार कैसे गायब हो जाते हैं? क्या यह सिर्फ यात्रा का मामला है या फिर सालों तक मोबाइल आई पेपरी खाना ने राक्षस सूची को लार्डडान बनाया गया है?

26 दिसंबर तक शानदार समय सीमा

इस संबंध में उप जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ भट्ट ने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा एस दरभंगा के पहले चरण का समय अब ​​26 दिसंबर तक के लिए बढ़ाया गया है। इस तरह के अभियान में एनेट्रेस डिस्ट्रिक्ट को ट्रेस करने का काम किया जाएगा, जिससे कि अब तक जिन आर्काइव के कलाकारों की सूची में अपना नाम दर्ज करने के लिए गणना पोर्टफोलियो जमा नहीं किया गया है, उनकी गणना फाइल भी जमा कर अन्य कलाकारों की सूची में शामिल हो जाएगी।

प्रशासन की कड़ी परीक्षा

बड़ी बात यह है कि अगर इतने विशाल आंकड़ों वाले एनट्रेसेबेल ग्रैबियो ट्रेस बात नहीं हो पाई, तो न केवल कैटरल सूची की सूची प्रभावित होगी बल्कि 2027 के चुनाव की स्थापना ही फ़्रांसीसी पैड जाएगी। समय कम है, चुनौती बड़ी है - अब देखिए कि प्रशासन केवल तिथि वृद्धि से काम चलाएगा या वास्तविक में छात्रावास सूची को साफ और स्थिर बनाने की कोशिश भी करेगा।


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