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Pakistan–Iran ने एक ही दिन में 4,991 अफगानों को डिपोर्ट किया: तालिबान

तालिबान के उप-प्रवक्ता हमदुल्लाह फितरत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बताया कि पाकिस्तान और ईरान से एक ही दिन 913 परिवारों को जबरन निर्वासित कर अफगानिस्तान भेजा।

Pakistan–Iran ने एक ही दिन में 4,991 अफगानों को डिपोर्ट किया: तालिबान
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काबुल, आईएएनएस। ईरान और पाकिस्तान से एक ही दिन में चार हजार से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को जबरन निर्वासित किया गया है। रविवार को तालिबान के उप-प्रवक्ता हमदुल्लाह फितरत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान और ईरान से एक ही दिन (शनिवार, 13 दिसंबर) में 4,991 अफगान शरणार्थी (913 परिवार) जबरन वापस भेजे गए।

तालिबान ने कहा- यह जबरन निर्वासन है

तालिबान ने इसे "जबरन निर्वासन" करार दिया है। फितरत ने एक्स पोस्ट पर उच्चायोग की एक रिपोर्ट जारी की। इसमें निर्वासितों की तादाद का जिक्र था। ये शरणार्थी विभिन्न बॉर्डर क्रॉसिंग जैसे तोरखम (नंगरहार), इस्लाम कला (हेरात), पुल-ए-अबरेशम (निमरोज), स्पिन बोल्डक (कंधार) और बहरामचा (हेलमंद) के रास्ते लौटे हैं। तालिबान के अनुसार, लौटने वालों में से 933 परिवारों (5,068 लोग) को उनके मूल क्षेत्रों में भेजा गया, 754 परिवारों को मानवीय सहायता दी गई, और 771 सिम कार्ड वितरित किए गए।

पाकिस्तानी पुलिस पर बदसलूकी का भी आरोप

टोलो न्यूज के अनुसार, कई शरणार्थियों की शिकायत है कि पाकिस्तानी पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की। कोई सामान नहीं लाने दिया गया। उन्होंने तालिबान से आश्रय, आपात सहायता और रोजगार की मांग की है। टोलो न्यूज से बात करते हुए, पाकिस्तान से निर्वासित जमालुद्दीन ने कहा- "हमें जबरन निकाला गया, हमारा कुछ सामान वहीं रह गया। यहां हमारे पास न पैसे हैं और न ही रहने की जगह। दिक्कतें बहुत ज्यादा हैं, सर्दी आ गई है और ठंड बढ़ रही है।"

“इस्लामिक अमीरात को मदद करनी चाहिए”

ईरान से लौटे जन मोहम्मद ने कहा, "अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात को इन लोगों की मदद करनी चाहिए, उनके पास रहने की कोई जगह नहीं है। मैं खुद जौजजान प्रांत जा रहा हूं और मेरे पास रहने की कोई जगह नहीं है।" इससे पहले गुरुवार को भी 10,000 से ज्यादा शरणार्थी लौटाए गए थे।

जबरन वापसी पर UNHCR ने चिंता जाहिर की

यह सिलसिला 2025 में पाकिस्तान के "इल्लीगल फॉरेनर्स रिपैट्रिएशन प्लान" (अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को वापस भेजने की योजना) और ईरान की सख्ती के कारण तेज हुआ है। निर्वासन से अफगानिस्तान में मानवीय संकट बढ़ रहा है, जहां पहले से लाखों लोग सहायता की जरूरत में हैं। यूएनएचसीआर और अन्य संगठनों ने जबरन वापसी पर चिंता जताई है।


Dhiraj Dhillon

Dhiraj Dhillon

धीरज ढिल्लों दो दशकों से अधिक समय से हिंदी पत्रकारिता में सक्रिय हैं। उन्होंने अपने करियर के दौरान दैनिक हिंदुस्तान और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में नोएडा और गाजियाबाद क्षेत्र में गहन रिपोर्टिंग की है। प्रिंट मीडिया के साथ-साथ, उन्होंने डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी काम किया है। उनकी लेखनी में निष्पक्षता, तथ्यपरकता और गहरी विश्लेषण क्षमता स्पष्ट रूप से झलकती है। समसामयिक विषयों के साथ-साथ स्वास्थ्य, जीवनशैली, विकास संबंधी मुद्दों और राजनीति में उनकी गहरी रुचि रही है। उन्होंने पांच वर्षों तक Centre for Advocacy & Research (CFAR) के साथ मिलकर सार्वजनिक स्वास्थ्य संचार कार्य किया है।

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