लैंड फॉर जॉब केस में फिर ब्रेक, राउज एवेन्यू कोर्ट से लालू परिवार को अस्थायी राहत, अब 19 दिसंबर को अहम फैसला संभव
लैंड फॉर जॉब केस में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को अस्थायी राहत। राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप गठन पर सुनवाई फिर टली, अब 19 दिसंबर को अगली तारीख।

पटना, स्टेट ब्यूरो. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रहा लैंड फॉर जॉब केस एक बार फिर टल गया है। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप गठन को लेकर हो रही सुनवाई आज भी पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने मामले की अगली तारीख 19 दिसंबर तय कर दी है। इस तरह लालू परिवार को चार दिनों की और राहत मिल गई है, लेकिन कानूनी दबाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
यह मामला इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि अब केस अपने निर्णायक मोड़ के करीब पहुंच चुका है। सीबीआई पहले ही सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और अब अदालत को यह तय करना है कि आरोप तय किए जाएं या नहीं। आरोप गठन की प्रक्रिया शुरू होते ही यह केस ट्रायल के चरण में प्रवेश कर जाएगा, जिससे लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सीबीआई का आरोप है कि वर्ष 2004 से 2009 के बीच जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, उस दौरान रेलवे के ग्रुप-डी पदों पर नियुक्तियों के बदले जमीन ली गई। जांच एजेंसी के अनुसार, यह जमीन या तो लालू परिवार के सदस्यों के नाम ट्रांसफर कराई गई या फिर उनसे जुड़े लोगों को उपहार के रूप में दिलाई गई। सीबीआई का दावा है कि नियुक्तियां नियमों के खिलाफ की गईं और पूरे मामले में बेनामी संपत्तियों के जरिए लेन-देन हुआ, जो आपराधिक साजिश की श्रेणी में आता है।
दूसरी ओर, लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव लगातार इन आरोपों को खारिज करते आए हैं। उनका कहना है कि यह पूरा मामला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। हालांकि अदालत के स्तर पर अब यह बहस आरोप गठन की कानूनी कसौटी पर आकर टिक गई है।
10 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान विशेष सीबीआई जज विशाल गोगने की अदालत में जांच एजेंसी ने बताया था कि इस केस में कुल 103 आरोपी हैं, जिनमें से चार की मौत हो चुकी है। सीबीआई ने यह भी कहा था कि शेष आरोपियों से जुड़े कई दस्तावेज अभी तैयार नहीं हो पाए हैं, जिस वजह से आरोप गठन पर बहस आगे नहीं बढ़ सकी। इसी आधार पर कोर्ट ने पहले 11 दिसंबर और फिर 15 दिसंबर तक सुनवाई टाल दी थी।
11 दिसंबर को भी स्थिति नहीं बदली और सीबीआई जरूरी कागजात पेश नहीं कर सकी। इसके बाद 15 दिसंबर की तारीख तय हुई, लेकिन आज भी सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। अंततः कोर्ट ने चार दिन का समय और देते हुए अगली सुनवाई 19 दिसंबर को निर्धारित कर दी।
लैंड फॉर जॉब केस की हर तारीख न सिर्फ कानूनी, बल्कि राजनीतिक तापमान भी बढ़ा रही है। अब सबकी निगाहें 19 दिसंबर पर टिकी हैं, जब यह साफ हो सकता है कि मामला ट्रायल की ओर बढ़ेगा या फिर इसमें कोई नया मोड़ आएगा।


