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पटना में STET अभ्यर्थियों का बड़ा प्रदर्शन: रिवाइज्ड आंसर की की मांग तेज, रिजल्ट जारी होने से पहले बढ़ा तनाव

पटना में STET अभ्यर्थियों ने बिहार बोर्ड के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। उम्मीदवारों का आरोप है कि आंसर की में कई गलत जवाब हैं और रिजल्ट जारी होने से पहले रिवाइज्ड आंसर की जारी की जाए।

पटना में STET अभ्यर्थियों का बड़ा प्रदर्शन: रिवाइज्ड आंसर की की मांग तेज, रिजल्ट जारी होने से पहले बढ़ा तनाव
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पटना, स्टेट ब्यूरो. बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार को STET अभ्यर्थियों का असंतोष एक बार फिर खुलकर सामने आया जब बड़ी संख्या में उम्मीदवार बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए। अभ्यर्थियों का कहना है कि हाल में जारी की गई आंसर की में कई उत्तर गलत हैं, जिससे उनके नतीजों पर सीधा असर पड़ेगा। परीक्षा के बाद जारी हुई प्रारंभिक आंसर की को लेकर उम्मीदवार लगातार आपत्ति दर्ज करा रहे थे, लेकिन उनका आरोप है कि अब तक संशोधित आंसर की उपलब्ध नहीं कराई गई। इससे उम्मीदवारों में बेचैनी बढ़ रही है क्योंकि बोर्ड जल्द ही रिजल्ट जारी करने की तैयारी में है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि वे दो बार अपनी शिकायतें बोर्ड तक पहुंचा चुके हैं। उनका आरोप है कि फिजिक्स और कॉमर्स जैसे विषयों में 40 से 50 तक उत्तर गलत हैं। उम्मीदवारों का मानना है कि इस स्थिति में रिजल्ट जारी करने से हजारों छात्रों के नंबर प्रभावित होंगे। इस वजह से छात्रों ने बिहार बोर्ड मुख्यालय का घेराव करने की चेतावनी भी दी थी। शहर के कई हिस्सों से पहुंचे अभ्यर्थियों ने जोर दिया कि जब तक संशोधित आंसर की सार्वजनिक नहीं होती, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

छात्र नेता सौरभ भी इस प्रदर्शन में शामिल रहे और उन्होंने आरोप लगाया कि गलत आंसर की की वजह से योग्य छात्रों का भविष्य संकट में पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि बोर्ड को पारदर्शिता बनाए रखते हुए जल्द से जल्द रिवाइज्ड आंसर की जारी करनी चाहिए। प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थियों ने बताया कि वे किसी तरह की देरी या अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेंगे क्योंकि परिणाम आने के बाद सुधार की गुंजाइश बेहद कम रह जाएगी।

जैसे जैसे रिजल्ट जारी करने की तारीख नजदीक आ रही है, अभ्यर्थियों और बोर्ड के बीच तनाव और बढ़ता दिखाई दे रहा है। उम्मीदवार चाहते हैं कि परिणाम जारी होने से पहले सभी गलतियों का समाधान किया जाए ताकि परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल न उठे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे सिर्फ निष्पक्ष मूल्यांकन की मांग कर रहे हैं और यह बोर्ड की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों की चिंताओं को प्राथमिकता दे।


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