तेज प्रताप का नया राजनीतिक अभियान तेजस्वी और राजद के लिए नई चुनौती, 12 दिसंबर से सदस्यता विस्तार की शुरुआत
तेज प्रताप यादव ने जनशक्ति जनता दल के महा सदस्यता अभियान की घोषणा की है। इससे तेजस्वी यादव और राजद के लिए नई राजनीतिक मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि वोट बैंक पर सीधा असर पड़ने की आशंका है।

पटना, स्टेट ब्यूरो. बिहार की राजनीति एक बार फिर लालू परिवार के भीतर बढ़ती दूरी की वजह से सुर्खियों में है। राष्ट्रीय जनता दल से अलग होकर अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाने वाले तेज प्रताप यादव अब संगठन विस्तार की दिशा में सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने महा सदस्यता अभियान की घोषणा कर दी है, जो 12 दिसंबर को पटना स्थित उनके आवास से शुरू होगा। इस अभियान के एलान के साथ ही राज्य की राजनीति में एक नई हलचल नजर आने लगी है क्योंकि इसे राजद के लिए सीधी चुनौती माना जा रहा है। माना जा रहा है कि तेज प्रताप जिस वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं, वह परंपरागत रूप से उसी वर्ग से आता है जिस पर लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की पकड़ सबसे मजबूत मानी जाती है।
तेज प्रताप ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि यह अभियान सिर्फ सदस्यता बढ़ाने की औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन है। उनका दावा है कि जनशक्ति जनता दल राज्य की राजनीति को एक नई दिशा देगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अधिक संख्या में पार्टी से जुड़कर संगठन को मजबूत बनाएं। तेज प्रताप का यह कदम सीधे तौर पर राजद के लिए नुकसानदेह माना जा रहा है क्योंकि 2025 विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव अपने कैडर को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसे समय में तेज प्रताप की नई गतिविधियां समीकरणों को बदल सकती हैं।
दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक मतभेद अब खुलकर सामने हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे। तेज प्रताप अपनी सीट हार गए, लेकिन राजनीतिक उपस्थिति बनाए रखी। अब जब वे अपनी पार्टी के विस्तार में तेजी ला रहे हैं, तो इससे राजद के वोट बैंक में असर साफ नजर आ सकता है। तेज प्रताप ने पहले ही यह कहकर स्थिति को स्पष्ट कर दिया था कि राजद में वापसी से बेहतर है कि वे अपनी अलग राह चुनें। उनकी बढ़ती सक्रियता और सोशल मीडिया पर उनकी मौजूदगी उन्हें राजनीतिक चर्चा में बनाए रखती है।


