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दिल्ली विश्वविद्यालय की परीक्षाएं कई केंद्रों पर प्रश्नपत्र देरी से पहुंचने के कारण बाधित हुईं

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के छात्र शनिवार को राजधानी भर के परीक्षा केंद्रों पर अपने विषय की परीक्षाओं के लिए पहुंचे, लेकिन प्रश्नपत्रों की आपूर्ति में देरी के कारण कई केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने में बाधा उत्पन्न हुई

दिल्ली विश्वविद्यालय की परीक्षाएं कई केंद्रों पर प्रश्नपत्र देरी से पहुंचने के कारण बाधित हुईं
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के छात्र शनिवार को राजधानी भर के परीक्षा केंद्रों पर अपने विषय की परीक्षाओं के लिए पहुंचे, लेकिन प्रश्नपत्रों की आपूर्ति में देरी के कारण कई केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने में बाधा उत्पन्न हुई और उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा। डीयू के प्रोफेसरों ने बताया कि कम से कम 35 प्रश्नपत्र या तो गायब थे या देरी से प्राप्त हुए।

छात्रों को दो घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा

मिरांडा हाउस में भौतिकी की एसोसिएट प्रोफेसर आभा देव हबीब ने बताया कि छात्रों को दो घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा और कई तो परीक्षा में शामिल हुए बिना ही चले जाने को तैयार थे। उन्होंने कहा, ‘‘गणित और भौतिकी के छात्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए क्योंकि कई केंद्रों पर उनके प्रश्न पत्र देरी से पहुंचे। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में छात्रों की संख्या में वृद्धि के अनुपात में बुनियादी ढांचे का विस्तार नहीं किया गया है।

पूरी तरह से अफरा-तफरी मची हुई थी

दक्षिण परिसर के एक कॉलेज के प्रधानाचार्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सेमेस्टर-7 के 30-70 विषय-विशिष्ट पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं तिथि पत्र के अनुसार विभिन्न केंद्रों पर निर्धारित थीं, लेकिन कई प्रश्न पत्र तीन घंटे बाद भी केंद्रों तक नहीं पहुंचे। प्राचार्य ने कहा, पूरी तरह से अफरा-तफरी मची हुई थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लागू चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के कारण प्रति सेमेस्टर प्रश्नपत्रों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे परीक्षाओं की संख्या में काफी बढ़ गई है और परीक्षा का काम कई गुना बढ़ गया है। इसके चलते परीक्षाओं के आयोजन की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।’’

डीयू ने कहा, असुविधा के लिए हमें गहरा खेद है

दिल्ली विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ने एक बयान में कहा, आज सुबह के सत्र में लगभग 800 प्रश्नपत्र निर्धारित थे। कुछ व्यवस्था संबंधी समस्याओं के कारण, कुछ प्रश्नपत्र भेजे नहीं जा सके और कुछ परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा, ‘‘छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे अद्यतन जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से नजर रखें। असुविधा के लिए हमें गहरा खेद है।’


Mukesh Pandit

Mukesh Pandit

पत्रकारिता की शुरुआत वर्ष 1989 में अमर उजाला से रिपोर्टिंग से करने वाले मुकेश पंडित का जनसरोकार और वास्तविकत पत्रकारिता का सफर सतत जारी है। उन्होंने अमर उजाला, विश्व मानव, हरिभूमि, एनबीटी एवं दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में फील्ड रिपोर्टिंग से लेकर डेस्क तक अपनी सेवाएं दीं हैं। समाचार लेखन, विश्लेषण और ग्राउंड रिपोर्टिंग में निपुणता के साथ-साथ उन्होंने समय के साथ डिजिटल और सोशल मीडिया को भी बख़ूबी अपनाया है। करीब 35 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ मुकेश पंडित आज भी पत्रकारिता में सक्रिय हैं और जनहित, राष्ट्रहित और समाज की सच्ची आवाज़ बनने के मिशन पर अग्रसर हैं।

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