Sensational Incident: दिल्ली के कालकाजी में सामूहिक आत्महत्या से सनसनी
फांसी के फंदे से लटके मिले मां और दो बेटों के शव, पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया, कर्ज, मानसिक तनाव और कोर्ट नोटिस बना सामूहिक आत्महत्या की वजह।

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली के कालकाजी इलाके से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। एक ही परिवार के तीन लोगों की लाशें बरामद होने से पूरी इलाके में सनसनी फैल गई है। मां और दो बेटों, तीनों के शव घर में ही फांसी के फंदे से लटके मिले हैं। पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है। सुसाइड नोट और शुरूआती जांच में मामला आर्थिक तंगी के चलते मानसिक तनाव का लग रहा है।
सामुहिक आत्महत्या ने पूरे इलाके को झकझोर दिया
दक्षिण दिल्ली के कालकाजी इलाके में हुई सामूहिक आत्महत्या की घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कपूर परिवार लंबे समय से गंभीर मानसिक, आर्थिक और सामाजिक तनाव से जूझ रहा था। पुलिस के अनुसार हालात इस कदर बिगड़ चुके थे कि परिवार पूरी तरह टूट चुका था।
दो माह पहले भी जान देने की कोशिश की थी
जांच में पता चला है कि परिवार के दोनों बेटे (आशीष कपूर और चैतन्य कपूर) दो माह पहले भी आत्महत्या की कोशिश कर चुके थे। उस दौरान दोनों ने चाकू से अपने हाथों की नसें काट ली थीं। समय रहते परिजनों ने आशीष को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी जान बच गई थी। पुलिस इस मामले की जांच कर ही रही थी कि शुक्रवार को परिवार के तीनों सदस्यों ने एक साथ आत्मघाती कदम उठा लिया।
किराया विवाद और कोर्ट केस से बढ़ा दबाव
पुलिस के मुताबिक कपूर परिवार दिसंबर 2023 में कालकाजी के जी-70बी स्थित तीसरी मंजिल के फ्लैट में किराए पर रहने आया था। शुरुआत में सिक्योरिटी डिपॉजिट और कुछ महीनों का किराया दिया गया, लेकिन इसके बाद भुगतान बंद हो गया। मकान मालिक के बार-बार कहने के बावजूद परिवार ने घर खाली नहीं किया। मामला कोर्ट पहुंचा और फैसला मकान मालिक के पक्ष में आया। शुक्रवार को जब मकान मालिक पुलिस के साथ कोर्ट का नोटिस लेकर फ्लैट पर पहुंचा, उसी दिन यह दर्दनाक घटना सामने आई।
दो साल में उजड़ गया पूरा परिवार
पुलिस जांच में सामने आया है कि परिवार के मुखिया को प्रॉपर्टी डीलिंग के कारोबार में भारी नुकसान हुआ था। नुकसान की भरपाई के लिए उन्होंने कई लोगों से कर्ज लिया, लेकिन समय पर भुगतान न कर पाने के कारण लेनदार लगातार दबाव बना रहे थे। बढ़ते तनाव के बीच वर्ष 2024 में पिता की मौत हो गई। इसके बाद परिवार की आर्थिक हालत और बिगड़ती चली गई। दोनों बेटे बेरोजगार थे, कर्ज बढ़ता जा रहा था और घर का खर्च व किराया देना भी मुश्किल हो गया। दो साल के भीतर पिता, फिर मां और दोनों बेटों की मौत से पूरा परिवार खत्म हो गया।
पुलिस निगरानी के बावजूद नहीं टल सकी घटना
पड़ोसियों के अनुसार आत्महत्या की पिछली कोशिश के बाद से पुलिस परिवार पर नजर बनाए हुए थी। कई बार पुलिस ने पड़ोसियों और रिश्तेदारों से भी पूछताछ की थी। इसके बावजूद शुक्रवार को हुई सामूहिक आत्महत्या को रोका नहीं जा सका। फिलहाल पुलिस सुसाइड नोट, मोबाइल फोन, दस्तावेज और अन्य डिजिटल डिवाइस की फोरेंसिक जांच कर रही है। दूर के रिश्तेदारों से भी संपर्क कर परिवार की हालिया परिस्थितियों की जानकारी जुटाई जा रही है।
यूपीएससी की तैयारी छोड़ने को मजबूर हुआ बेटा
छोटा बेटा चैतन्य यूपीएससी की तैयारी कर रहा था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी। इसके बाद वह अवसाद में चला गया। पड़ोसियों का कहना है कि पिछले कई महीनों से परिवार के लोग घर से बाहर निकलना लगभग बंद कर चुके थे। केवल जरूरत का सामान लेने के लिए ही बाहर आते थे और तुरंत लौट जाते थे। मानसिक तनाव और अवसाद ने दोनों भाइयों को इस कदर घेर लिया था कि उन्होंने खुद को समाज और रिश्तेदारों से पूरी तरह अलग कर लिया था।


