IndiGo Crises: बेटे की थी परीक्षा, 800 किमी कार से लेकर पहुंचे पिता
रोहतक जिले के मायना गांव में रहने वाले राजनारायण पंघाल ने बेटे को इंदौर में परीक्षा देने के लिए रात भर कार ड्राईव की और समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचाकर दम लिया।

रोहतक, वाईबीएन न्यूज। इंडिगो फ्लाइट कैंसिलेशन से जहां हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएं बिगड़ गईं। कई लोग शादी समारोह में शामिल नहीं हो सकते तो कईयों की परीक्षाएं छूट गईं। लोगों को घंटों नहीं बल्कि कई- कई दिन एयरपोर्ट पर भी गुजारने पड़े। इन तमाम मुसीबतों और समय से अपने बेटे को परीक्षा केंद्र पर पहुंचाने के लिए हरियाणा के मायना गांव के पंघाल परिवार ने इसका तोड़ पूरी रात कार ड्राइव कर निकाला। फ्लाइट रद्द होने के बाद पिता ने अपने बेटे को समय पर परीक्षा दिलवाने के लिए रातभर कार चलाई और 800 किलोमीटर दूर इंदौर तक गाड़ी चलाकर पहुंचाया।
प्री बोर्ड से पहले छुट्टी पर घर आया था बेटा
रोहतक जिले के मायना गांव निवासी खेल प्रेमी और अधिवक्ता राजनारायण पंघाल ने बताया कि उनका 17 वर्षीय बेटा आशीष चौधरी पंघाल इंदौर के एक कॉलेज में 12वीं कक्षा में पढ़ता है। आशीष एक शूटर भी है। वह कुछ दिनों की छुट्टी पर घर आया हुआ था और उसकी प्री-बोर्ड परीक्षा 8 दिसंबर से शुरू होनी थी। इसके अलावा 6 दिसंबर की शाम उसे कॉलेज में सम्मानित भी किया जाना था। इसके लिए दिल्ली से इंदौर की इंडिगो फ्लाइट पहले से बुक थी।
दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचकर फ्लाइट रद्द होने का पता चला
राजनारायण ने बताया- जब वे बेटे को दिल्ली एयरपोर्ट छोड़ने पहुंचे, तभी पता चला कि इंदौर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट अचानक रद्द हो गई है। फ्लाइट कैंसिल होने पर आशीष न केवल सम्मान समारोह से चूक जाता, बल्कि उसकी प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी खतरे में पड़ जातीं। आखिरी समय में ट्रेन में भी कन्फर्म सीट मिलना मुश्किल था।
राजनारायण ने ठान लिया बेटे को समय पर इंदौर पहुंचाएंगे
इन परिस्थितियों को देखते हुए राजनारायण ने ठान लिया कि वे कार से इंदौर जाएंगे और हर हाल में बेटे को समय पर पहुंचाएंगे। दिल्ली से इंदौर लगभग 800 किलोमीटर दूर है, लेकिन राजनारायण ने हार नहीं मानी और रातभर कार चलाकर इंदौर पहुंच गए।राजनारायण का कहना है कि उन्होंने समय से बेटे को परीक्षा केंद्र पर पहुंचाकर राहत की सांस ली। राजनारायण ने कहा- फ्लाइट कैंसिल हो गई, ट्रेन सीट भी नहीं मिली, लेकिन पिता होने के नाते मेरा कर्तव्य था कि बेटे का भविष्य प्रभावित न हो। इसलिए मैंने पूरी रात ड्राइव कर उसे समय पर पहुंचाया।


