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आपदा से आफत:  उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से आया जलजला, घर बह गए, 5 लोग लापता

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा कहर बन गई है। चमोली के नंदा नगर में बुधवार रात को फिर बादल फट गया। मलबे से दो लोगों को बचा लिया गया, और तलाशी अभियान अभी जारी है। एक मेडिकल टीम और तीन एम्बुलेंस को प्रभावित इलाके में भेजी  गई हैं।

आपदा से आफत:  उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से आया जलजला, घर बह गए, 5 लोग लापता
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देहरादून, वाईबीएन डेस्क। उत्तराखंड के चमोली जिले में मूसलाधार बारिश के कारण बादल फटने के बाद पांच लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। भारी मलबे के कारण छह इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं। यह घटना बुधवार देर रात नंदा नगर में हुई। मलबे से दो लोगों को बचा लिया गया, और तलाशी अभियान अभी जारी है। एक मेडिकल टीम और तीन एम्बुलेंस को प्रभावित इलाके में भेजा गया है। खराब मौसम के कारण खोज और बचाव अभियान में बाधा आ रही है। मौसम विभाग ने चमोली में और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है।

लोग अभी भी अपने घरों में फंसे हैं

स्थानीय लोगों के अनुसार, बादल फटने के कारण कई लोग अभी भी अपने घरों में फंसे हुए हैं। अभी चार दिन पहले, राज्य की राजधानी देहरादून में बादल फटने से कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई थी और सड़कें बह गईं थीं, और घरों और दुकानों को नुकसान पहुँचा था। दो बड़े पुल ढह गए, जिससे शहर को आसपास के इलाकों से जोड़ने वाले कई रास्ते कट गए। राज्य सरकार ने देहरादून, चंपावत और उधम सिंह नगर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें 20 सितंबर तक अत्यधिक भारी बारिश और आगे और लोगों की मौत, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे के ढहने के खतरे की चेतावनी दी गई है।

राज्य भर में अब तक 15 लोग लापता

राज्य भर में अब तक 15 लोग लापता हैं, जबकि 900 से ज़्यादा लोग फंसे हुए हैं। बुधवार को, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनका ध्यान आवश्यक सेवाओं की शीघ्र बहाली पर है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने धामी के हवाले से कहा, "हमारा प्रयास क्षतिग्रस्त बुनियादी ढाँचे की मरम्मत और सड़क एवं बिजली संपर्क जल्द से जल्द बहाल करना है।" उन्होंने यह भी बताया कि 85 प्रतिशत क्षतिग्रस्त बिजली लाइनों को बहाल कर दिया गया है, और बाकी को भी एक-दो दिन में बहाल कर दिया जाएगा।

उत्तराखंड के अलावा, हिमाचल प्रदेश में भी इस सप्ताह भारी बारिश के बाद अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुईं। बारिश से हुई आपदाओं के परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई। : uttrakhand avalanche | Uttrakhand | uttrakhand avalanche news | uttrapradesh news


Mukesh Pandit

Mukesh Pandit

पत्रकारिता की शुरुआत वर्ष 1989 में अमर उजाला से रिपोर्टिंग से करने वाले मुकेश पंडित का जनसरोकार और वास्तविकत पत्रकारिता का सफर सतत जारी है। उन्होंने अमर उजाला, विश्व मानव, हरिभूमि, एनबीटी एवं दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में फील्ड रिपोर्टिंग से लेकर डेस्क तक अपनी सेवाएं दीं हैं। समाचार लेखन, विश्लेषण और ग्राउंड रिपोर्टिंग में निपुणता के साथ-साथ उन्होंने समय के साथ डिजिटल और सोशल मीडिया को भी बख़ूबी अपनाया है। करीब 35 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ मुकेश पंडित आज भी पत्रकारिता में सक्रिय हैं और जनहित, राष्ट्रहित और समाज की सच्ची आवाज़ बनने के मिशन पर अग्रसर हैं।

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