Dark Tourism: नाइट क्लब अग्निकांड से इस वर्ष क्रिसमस और नववर्ष पर गुलजार नहीं होगा गोवा!
गोवा की नाइटलाइफ़ पर क्रिसमस और नए साल के सीज़न से पहले कार्रवाई हो रही है। राज्य सरकार ने नाइटक्लब की आग में 25 लोगों की मौत के बाद नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठानों का निरीक्षण करने और उन्हें सील करने के लिए एक सघन अभियान शुरू किया है।

पणजी, वाईबीएन डेस्क। अपने खूबसूरत बीचों के लिए मशहूर गोवा क्रिसमस और नए साल के दौरान सबसे बिज़ी पखवाड़े के लिए तैयार हो रहा है, ऐसे में इस कार्रवाई ने पहले ही कुछ नाइटक्लब को बंद करवा दिया है, जबकि बाकी का भविष्य अधर में लटका हुआ है। जिस तरह जिला प्रशासन, फायर और इमरजेंसी सर्विस और पुलिस की एक टीम नॉर्थ गोवा टूरिज्म बेल्ट के सभी नाइटक्लब का इंस्पेक्शन कर रही है इससे नववर्ष के जश्न पर आशंकाओं के काले बादल छा गए हैं। पर्यटन उद्योग, जो गोवा की अर्थव्यवस्था का रीढ़ है, इस वर्ष अग्निकांड की वजह से पर्यटकों की संख्या में कमी का अनुमान लगाया जा रहा है। क्रिसमस और न्यू ईयर की बुकिंग्स में 20-30% की गिरावट आई
कारवाई से डरे हुए है नाइट क्लब संचालक
नाइट क्लब के खिलाफ कारवाई का यह अभियान 6 दिसंबर को नॉर्थ गोवा के अरपोरा में बिर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में आग लगने की घटना के बाद शुरू हुआ, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई थी। इंस्पेक्शन टीम की अगुवाई कर रहे सरकारी अधिकारी कबीर शिरगांवकर ने समाचार एजेंसी पीटीआ को बताया, "हम सभी नाइटक्लब का इंस्पेक्शन कर रहे हैं, उनके लाइसेंस और परमिशन चेक कर रहे हैं। जो भी क्लब नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा, उसे सील कर दिया जाएगा।"
सील करने की अफसरों को असीमित पावर
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि टीम के पास नियमों का उल्लंघन करने वाले क्लब को तुरंत सील करने की शक्ति है। अब तक, टीम ने दो प्रमुख नाइटक्लब, गोया क्लब और कैफे CO2 गोवा दोनों को सील कर दिया है, जो वागाटोर में स्थित हैं। कैफे CO2 गोवा उत्तरी गोवा में अरब सागर के सामने एक चट्टान पर स्थित था। शिरगांवकर ने कहा कि गोया क्लब कृषि भूमि पर बनाया गया था, जबकि कैफे CO2 गोवा के पास फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज डिपार्टमेंट से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) नहीं था और उसमें स्ट्रक्चरल स्थिरता की कमी थी।
दो क्लबों की एनओसी रद्द करने का आदेश
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज डिपार्टमेंट ने उत्तरी गोवा के अंजुना में डियाज़ पूल क्लब और बार को दिए गए NOC को रद्द करने का भी आदेश दिया है। डिविजनल फायर ऑफिसर श्रीपाद गावस द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शनिवार को परिसर में अचानक निरीक्षण किया गया, जिसके दौरान यह देखा गया कि वहां मौजूदा आग से बचाव और सुरक्षा व्यवस्था अपर्याप्त थी और उसे अपग्रेड करने की आवश्यकता थी।
आग में जलकर 25 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि गोवा के उत्तर गोवा जिले के अरपोरा क्षेत्र में स्थित 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइटक्लब में छह दिसंबर को भीषण आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई, जिनमें पांच पर्यटक शामिल थे। यह घटना इंडोर फायरवर्क्स से शुरू हुई, जब क्लब में वीकेंड भीड़ जमा थी। आग तेजी से फैली क्योंकि संरचना अस्थायी थी और ताड़ के पत्तों से ढकी हुई थी। मरने वालों में ज्यादातर प्रवासी मजदूर थे, जो गोवा की नाइटलाइफ को चला रहे थे, लेकिन पर्यटकों की मौत ने राज्य की पर्यटन छवि को गहरा आघात पहुंचाया।
प्रतिवर्ष गोवा में आते हैं लाखों सैलानी
पर्यटन उद्योग, जो गोवा की अर्थव्यवस्था का रीढ़ है। गोवा प्रतिवर्ष लाखों विदेशी और करोड़ों घरेलू पर्यटकों को अपनी समुद्र तटों, पुर्तगाली विरासत और जीवंत नाइटलाइफ के लिए आकर्षित करता है। लेकिन इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और खबरों ने पर्यटकों में भय पैदा कर दिया। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, क्रिसमस और न्यू ईयर की बुकिंग्स में 20-30% की गिरावट आई, खासकर नाइटक्लब और बीच पार्टी से जुड़े टूर पैकेजेस में। पर्यटक अब सुरक्षा को लेकर सतर्क हैं, और परिवारों ने गोवा को 'असुरक्षित' बताते हुए वैकल्पिक जगहें जैसे केरल या अंडमान चुनीं। स्थानीय होटल और शैक मालिकों ने बताया कि कैंसिलेशन रेट बढ़ गया, जिससे राजस्व में लाखों का नुकसान हो रहा है।
पीक सीजन में सुरक्षा मानक सख्त किए
हालांकि, सरकार ने सकारात्मक कदम उठाए। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पीक सीजन से पहले सुरक्षा मानकों को सख्त करने का वादा किया, जिसमें फायर सेफ्टी ऑडिट, अवैध क्लबों पर छापेमारी और मॉनिटरिंग सिस्टम शामिल हैं। मजिस्ट्रियल जांच चल रही है, और क्लब के साइलेंट मालिक लूथरा भाइयों को थाईलैंड से डिपोर्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। ये उपाय लंबे समय में पर्यटन को मजबूत कर सकते हैं, लेकिन अल्पकालिक हिट से उद्योग को उबरने में महीनों लगेंगे। कुल मिलाकर, यह हादसा गोवा को सुरक्षा-केंद्रित पर्यटन मॉडल अपनाने का सबक देता है, वरना 'डार्क टूरिज्म' की सच्चाई उजागर हो सकती है।


