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केदारनाथ हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उड़ान के दौरान कोई असामान्यता नहीं थी : एएआईबी की अंतरिम रिपोर्ट

यह 17 साल पुराना हेलीकॉप्टर उड़ा रहे पायलट का आखिरी संदेश था। यह हेलीकॉप्टर इस साल जून में केदारनाथ घाटी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सवार सभी सात लोगों की मौत हो गई थी

केदारनाथ हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उड़ान के दौरान कोई असामान्यता नहीं थी : एएआईबी की अंतरिम रिपोर्ट
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Photograph: (File Photo)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। ‘कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा, मुड़ रहा हूं...’ यह 17 साल पुराना हेलीकॉप्टर उड़ा रहे पायलट का आखिरी संदेश था। यह हेलीकॉप्टर इस साल जून में केदारनाथ घाटी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सवार सभी सात लोगों की मौत हो गई थी और घाटी से बाहर निकलने का रास्ता दुर्घटना के समय बादलों से ढका हुआ था। यह जानकारी एएआईबी की अंतरिम जांच रिपोर्ट में दी गयी।

उत्तराखंड में गौरीकुंड के पास हुई थी दुर्घटना

केदारनाथ हेलीपैड से उड़ा आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का बेल 407 हेलीकॉप्टर (वीटी-बीकेए) 15 जून को सुबह 5.35 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया और गुप्तकाशी हेलीपैड पर उतरने से पहले ही आग में नष्ट हो गया। यह दुर्घटना उत्तराखंड में गौरीकुंड के पास हुई और इसमें सवार सभी लोग - पायलट, पांच लोग और एक शिशु - मारे गए। अंतरिम रिपोर्ट में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने कहा कि जब हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ा था, तब कोई असामान्यता नहीं थी।

दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाने के लिए बनी थी कमेटी

एएआईबी टीम, अमेरिका और कनाडा के नियामकों और तकनीकी सलाहकारों के मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों के साथ समन्वय में, दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाने के लिए भविष्य की कार्रवाई पर काम कर रही है। अमेरिका के राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) और कनाडा के परिवहन सुरक्षा बोर्ड (टीएसबी) ने जांच के लिए अपने मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों और तकनीकी सलाहकारों को नियुक्त किया है।

सीसीटीवी कैमरे के फुटेज का विश्लेषण किया

एएआईबी की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया, दुर्घटना के समय घाटी के प्रवेश/निकास बिंदु के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज का विश्लेषण करने पर यह पाया गया कि घाटी का निकास बिंदु बादलों से ढका हुआ था तथा (बादल) घाटी में नीचे की ओर बढ़ रहे थे। अन्य दो हेलीकॉप्टर, जो दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर वीटी-बीकेए के पीछे थे, बादलों से बचकर कम ऊंचाई पर घाटी से बाहर निकल गए।

निकलते समय उन्हें 9,000 फुट की ऊंचाई बनाए रखनी होती है

प्रक्रियाओं के अनुसार, हेलीकॉप्टरों को केदारनाथ घाटी के प्रवेश बिंदु में प्रवेश करते समय 8,500 फीट की ऊंचाई बनाए रखनी होती है, तथा लौटते समय, केदारनाथ घाटी के निकास बिंदु से बाहर निकलते समय उन्हें 9,000 फुट की ऊंचाई बनाए रखनी होती है। रिपोर्ट में कहा गया है, “इसके अनुसार, वीटी-बीकेए का पायलट घाटी के निकास बिंदु के पास पहुंचते समय 9,000 फीट की ऊंचाई बनाए हुए था।” उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने और घाटी में प्रवेश करने के दौरान कोई असामान्यता नहीं देखी गई, जैसा कि सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है। : kedarnath helicopter crash news | kedarnath helicopter crash breaking news | kedarnath helicopter crash


Mukesh Pandit

Mukesh Pandit

पत्रकारिता की शुरुआत वर्ष 1989 में अमर उजाला से रिपोर्टिंग से करने वाले मुकेश पंडित का जनसरोकार और वास्तविकत पत्रकारिता का सफर सतत जारी है। उन्होंने अमर उजाला, विश्व मानव, हरिभूमि, एनबीटी एवं दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में फील्ड रिपोर्टिंग से लेकर डेस्क तक अपनी सेवाएं दीं हैं। समाचार लेखन, विश्लेषण और ग्राउंड रिपोर्टिंग में निपुणता के साथ-साथ उन्होंने समय के साथ डिजिटल और सोशल मीडिया को भी बख़ूबी अपनाया है। करीब 35 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ मुकेश पंडित आज भी पत्रकारिता में सक्रिय हैं और जनहित, राष्ट्रहित और समाज की सच्ची आवाज़ बनने के मिशन पर अग्रसर हैं।

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