कप्तान हरमनप्रीत कौर ने शांत नेतृत्व, मजबूत रणनीति और टीम पर विश्वास के साथ भारत को उसका पहला महिला वर्ल्ड कप जिताया। उनका जुनून और आत्मविश्वास इस जीत की नींव बना।
दीप्ति शर्मा हर मोर्चे पर चमकीं
दीप्ति शर्मा बनीं टूर्नामेंट की स्टार रहीं। उन्होंने फाइनल में 58 रन और 5 विकेट लेकर मैच पलट दिया। उन्हें मिला “प्लेयर ऑफ द सीरीज” का खिताब।
ऋचा घोष– विकेट के पीछे मजबूत दीवार
ऋचा घोष ने विकेट के पीछे शानदार ग्लव वर्क किया। तेज रिफ्लेक्स और कैचिंग ने टीम को महत्वपूर्ण विकेट दिलाए।
राधा ठाकुर – गेंदबाजी में सटीक निशाना
स्पिनर राधा ठाकुर ने मध्य ओवरों में विपक्षी बल्लेबाजों पर ब्रेक लगाया। उनकी गेंदबाजी ने दक्षिण अफ्रीका की रन गति धीमी की।
स्मृति मंधाना– क्लास और स्थिरता की पहचान
स्मृति मंधाना ने अपने अनुभव से टीम को मजबूती दी। उन्होंने 45 रन की संयमित पारी खेली और शेफाली के साथ 104 रन की साझेदारी निभाई।
श्री चरणी – टीम की ताकत
एन. श्री चरणी ने अपनी तेज गेंदबाजी और नियंत्रण से टीम के लिए अहम योगदान दिया। उनकी लाइन-लेंथ ने साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों को परेशान किया।
शेफाली वर्मा – तूफानी शुरुआत
युवा ओपनर शेफाली वर्मा ने 78 गेंदों में 87 रन ठोककर टीम को मज़बूत शुरुआत दी। गेंदबाजी में भी 2 विकेट झटके – सच्ची ऑलराउंडर!
जेमिमा रोड्रिग्स – मिडिल ऑर्डर की रीढ़
जेमिमा रोड्रिग्स ने अहम मौकों पर शानदार बैटिंग से टीम को संभाला। उनकी 24 रनों की पारी ने रनरेट बनाए रखा और दबाव हटाया।