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Bihar Election 2025: राजद- तेजस्वी की उम्मीदें ध्वस्त, जानिए क्यों हार गई RJD

बिहार चुनाव 2025 में राजद और तेजस्वी यादव की करारी हार के पीछे क्या वजहें रहीं? सीमांचल में मुस्लिम वोटों की सेंध, कांग्रेस की कमजोरी, चिराग की NDA में वापसी और तेजस्वी की रणनीतिक चूक का पूरा विश्लेषण पढ़ें।

Bihar Election 2025: राजद- तेजस्वी की उम्मीदें ध्वस्त, जानिए क्यों हार गई RJD
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव में राजद और तेजस्वी यादव की उम्मीदें एक बार फिर धराशायी हो गईं। 2020 में तेजस्वी मुख्यमंत्री शपथ के लिए शेरवानी तक तैयार कर चुके थे, लेकिन इस बार नतीजों ने उनसे भी बड़ा झटका दे दिया। मतगणना शुरू होते ही शुक्रवार सुबह तेजस्वी ने 18 नवंबर को शपथ ग्रहण तक की घोषणा कर दी, लेकिन कुछ ही घंटों में आए रुझानों और नतीजों ने राजद का पूरा गणित बिगाड़ दिया। राजद की हार ने संकेत दिया है कि सिर्फ MY समीकरण अब कारगर नहीं। पार्टी को अपने सामाजिक आधार का विस्तार करना होगा और मजबूत नेतृत्व टीम तैयार करनी होगी।

राजद की हार के पीछे कई वजहें आईं सामने

चिराग पासवान की NDA में वापसी से राजद का समीकरण बिगड़ा।
सामाजिक कल्याण से जुड़े कमजोर बयान और जंगल राज की पुरानी छवि फिर भारी पड़ी।
यादव एक बार फिर राजद के साथ खड़े दिखे, लेकिन मुस्लिम वोटों में AIMIM ने सीमांचल (किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, अररिया) में बड़ी सेंध लगा दी।
राजद और विपक्षी गठबंधन मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण से आगे नहीं बढ़ सके।

कांग्रेस बनी कमजोर कड़ी, सहयोगी दल भी असफल

2015 में कांग्रेस और जदयू के साथ मजबूत गठबंधन से RJD 80 सीटों पर पहुंची थी, जबकि 2020 में लोजपा के अकेले चुनाव लड़ने से जदयू को नुकसान हुआ और RJD को फायदा मिला।लेकिन इस बार राजद पूरी तरह अकेले मैदान में थी। कांग्रेस बेहद कमजोर रही। CPI-ML, VIP और IIP जैसे सहयोगी भी सामाजिक समीकरण को मजबूती नहीं दे सके।

नौकरी का वादा असर नहीं कर पाया

तेजस्वी यादव ने हर परिवार को एक सरकारी नौकरी का वादा दोहराया, लेकिन मतदाता इससे प्रभावित नहीं हुए।उनकी माई बहन मान योजना (महिलाओं को ₹2,500) भी उतना प्रभाव नहीं छोड़ पाई, क्योंकि NDA पहले हीमुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 1.51 करोड़ महिलाओं को ₹10,000 की पहली किस्त दे चुकी थी।यह “दसहजारी योजना” महिलाओं को एकजुट करने में NDA का मास्टरस्ट्रोक साबित हुई।

लालू प्रसाद: धरोहर भी, बोझ भी

तेजस्वी का सबसे बड़ा राजनीतिक ब्रांड उनके पिता लालू प्रसाद हैं, लेकिन जंगल राज की पुरानी छवि उनकी राह में बाधा भी बनी हुई है। 2015 और 2020 में गठबंधन की मजबूती से यह छवि धूमिल हुई थी, लेकिन इस बार नहीं।

राजद को पुनर्जीवित करने के लिए क्या करना होगा?

राजद की वापसी के लिए तेजस्वी को कई अहम कदम उठाने होंगे।
यादवों के वर्चस्व को नियंत्रित करना, ताकि EBC वोट आकर्षित हो सकें।
EBC समाज को उनकी आबादी के अनुपात में टिकट देना।
नई, प्रभावी रणनीतिक टीम तैयार करना।
सहयोगियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करना।
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Dhiraj Dhillon

Dhiraj Dhillon

धीरज ढिल्लों दो दशकों से अधिक समय से हिंदी पत्रकारिता में सक्रिय हैं। उन्होंने अपने करियर के दौरान दैनिक हिंदुस्तान और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में नोएडा और गाजियाबाद क्षेत्र में गहन रिपोर्टिंग की है। प्रिंट मीडिया के साथ-साथ, उन्होंने डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी काम किया है। उनकी लेखनी में निष्पक्षता, तथ्यपरकता और गहरी विश्लेषण क्षमता स्पष्ट रूप से झलकती है। समसामयिक विषयों के साथ-साथ स्वास्थ्य, जीवनशैली, विकास संबंधी मुद्दों और राजनीति में उनकी गहरी रुचि रही है। उन्होंने पांच वर्षों तक Centre for Advocacy & Research (CFAR) के साथ मिलकर सार्वजनिक स्वास्थ्य संचार कार्य किया है।

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