Top
Begin typing your search above and press return to search.

ज्यादा फल-सब्जी खाने से बदल सकता है त्वचा का रंग, जानें कारण

पोषण विज्ञान के कई शोध यह संकेत देते हैं कि कुछ फल और सब्जियां जब जरूरत से ज्यादा खाई जाती हैं तो वो त्वचा के रंग में अस्थायी बदलाव ला सकती हैं। इनमें मौजूद प्राकृतिक पिगमेंट, विशेष रूप से कैरोटेनॉइड्स, शरीर में जमा होकर प्रभावित करते हैं।

YBN Desk
ज्यादा फल-सब्जी खाने से बदल सकता है त्वचा का रंग, जानें कारण
X

नई दिल्ली। स्वास्थ्य विशेषज्ञ आगाह करते हैं कि कुछ फल और सब्जियों का अत्यधिक सेवन आपकी त्वचा के रंग में अस्थायी बदलाव ला सकता है। यह स्थिति मेडिकल भाषा में कैरोटेनीमिया कहलाती है। यह बदलाव मुख्य रूप से उन फलों और सब्जियों के कारण होता है जिनमें प्राकृतिक पिगमेंट, खासकर कैरोटेनॉइड्स की मात्रा अधिक होती है। इनमें गाजर, शकरकंद, कद्दू, पपीता और संतरा शामिल हैं।

फलों और सब्जियों के कारण

जब इन चीजों को बहुत ज्यादा खाया जाता है, तो कैरोटेनॉइड्स शरीर में जमा हो जाते हैं और त्वचा की सबसे ऊपरी परत में दिखाई देने लगते हैं। इससे त्वचा का रंग हल्का पीला, नारंगी या गुलाबी टोन ले सकता है। यह बदलाव सबसे पहले हथेली, तलवों और नाक के आसपास के हिस्सों में देखा जाता है। हालांकि, विशेषज्ञ इसे पूरी तरह से हानिरहित मानते हैं और कहते हैं कि आहार में कटौती करने पर यह रंग कुछ हफ्तों या महीनों में अपने आप सामान्य हो जाता है।

पोषण विज्ञान के कई शोध

यह सुनने में भले अजीब लगे, लेकिन पोषण विज्ञान के कई शोध यह संकेत देते हैं कि कुछ फल और सब्जियां जब जरूरत से ज्यादा खाई जाती हैं तो वो त्वचा के रंग में अस्थायी बदलाव ला सकती हैं। इनमें मौजूद प्राकृतिक पिगमेंट, विशेष रूप से कैरोटेनॉइड्स, शरीर में जमा होकर त्वचा की ऊपरी परत (एपिडर्मिस) को प्रभावित करते हैं और हल्का पीला, नारंगी या गुलाबी टोन उत्पन्न कर सकते हैं।

आहार-जनित त्वचा रंग परिवर्तन

विशेषज्ञ इसे “आहार-जनित त्वचा रंग परिवर्तन” मानते हैं, जो पूरी तरह सुरक्षित और अस्थायी होता है। सबसे प्रमुख उदाहरण गाजर है। अमेरिकन जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कई हफ्तों तक दैनिक रूप से अधिक मात्रा में गाजर खाने से “कैरोटीनिमिया” नामक स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसमें त्वचा हल्के पीले-नारंगी रंग में बदलने लगती है। यह असर हथेलियों और पैरों के तलवों पर पहले दिखता है और गाजर का सेवन कम करने पर धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है। शकरकंद और कद्दू जैसे अन्य कैरोटीन-समृद्ध खाद्य भी इसी तरह का प्रभाव डालते हैं। कई अध्ययनों में इसे “हेल्दी ग्लो इफेक्ट” बताया गया है। हालांकि यह बदलाव तभी उभरता है जब इन सब्जियों का सेवन जरूरत से बहुत ज्यादा और लंबे समय तक किया जाए।

हेल्दी ग्लो इफेक्ट

टमाटर और लाल शिमला मिर्च में पाया जाने वाला लाइकोपीन त्वचा में हल्की गुलाबी या लालिमा ला सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर और न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के एक संयुक्त अध्ययन में पाया गया कि लाइकोपीन न केवल त्वचा को यूवी क्षति से बचाता है बल्कि अधिक सेवन की स्थिति में त्वचा को हल्का लाल टोन भी दे सकता है। इसी प्रकार, चुकंदर का लगातार सेवन बीटाइन और एंथोसाइनिन जैसे पिगमेंट्स के कारण त्वचा में गुलाबी आभा ला सकता है।

शरीर में प्राकृतिक पिगमेंट्स

हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक में मौजूद ल्यूटीन और जिएक्सैन्थिन भी बहुत अधिक मात्रा में लेने पर त्वचा में हल्की पीली गर्माहट पैदा कर सकते हैं, जबकि क्लोरोफिल की उपस्थिति त्वचा को “वार्म टिंट” दे सकती है।डर्मेटोलॉजिस्ट इस बात पर जोर देते हैं कि ये सभी बदलाव अस्थायी और पूरी तरह सुरक्षित होते हैं। इन्हें अक्सर लोग पीलिया समझ बैठते हैं, जबकि इसमें और पीलिया में बड़ा अंतर है-कैरोटीनिमिया में आंखों का सफेद हिस्सा कभी पीला नहीं होता। यह केवल शरीर में प्राकृतिक पिगमेंट्स के अधिक जमाव के कारण होता है।

स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद

विशेषज्ञों की सलाह है कि फल और सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं, लेकिन किसी भी चीज का अत्यधिक सेवन असंतुलन पैदा कर सकता है। संतुलित और विविध आहार लेने से त्वचा का प्राकृतिक रंग और स्वास्थ्य दोनों सुरक्षित रहते हैं।


Related Stories
Next Story
All Rights Reserved. Copyright @2019
Powered By Hocalwire