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मैग्नीशियम: 'साइलेंट पावरहाउस' जो शरीर के लिए है अत्यंत जरूरी

मैग्नीशियम शरीर के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण खनिज है, जो 300 से अधिक जैविक प्रक्रियाओं में सहायक होता है। इसे 'साइलेंट पावरहाउस' कहा जाता यह हर कोशिका को सही ढंग से काम करने की ताकत देता।

YBN Desk
मैग्नीशियम: साइलेंट पावरहाउस जो शरीर के लिए है अत्यंत जरूरी
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नई दिल्ली। मैग्नीशियम शरीर के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण खनिज है, जो 300 से अधिक जैविक प्रक्रियाओं में सहायक होता है। इसे 'साइलेंट पावरहाउस' कहा जाता है क्योंकि यह चुपचाप, पर प्रभावी ढंग से, हर कोशिका को सही ढंग से काम करने की ताकत देता है और ऊर्जा उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है।शरीर में मैग्नीशियम की कमी से थकान, कमजोरी, अनियमित दिल की धड़कन और हड्डियों की कमजोरी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

साइलेंट पावरहाउस

मानव शरीर को चलाने के लिए कई विटामिन और खनिजों की आवश्यकता होती है। विटामिन और खनिजों की कमी शरीर को कमजोर और बदहाल कर सकती है।ज्यादातर लोग विटामिन डी, बी12 और आयरन पर ध्यान देते हैं, लेकिन मैग्नीशियम भी शरीर के लिए बहुत जरूरी है। यह मानव शरीर में साइलेंट पावरहाउस की तरह काम करता है और हर कोशिका को सही ढंग से काम करने की ताकत देता है।

आयुर्वेद में मैग्नीशियम

आयुर्वेद में मैग्नीशियम को धातु बल व पाचन शक्ति बढ़ाने वाला तत्व कहा जाता है, जो पूरे शरीर को सुचारू तरीके से काम करने में मदद करता है। मैग्नीशियम शरीर की हर कोशिका में पाया जाता है और शरीर के हर एक काम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नसों और दिमाग के शांति तंत्र में पाया जाता है और दिमाग की कोशिकाओं को सपोर्ट करता है। इसके अलावा यह दिल की धड़कन को स्थिर रखता है, बीपी कंट्रोल करने में मदद करता है और मांसपेशियों और हड्डियों को ऊर्जा प्रदान करता है। शरीर की पूरी ऊर्जा का उत्पादन करने का श्रेय भी मैग्नीशियम को जाता है।

शरीर के लिए जरूरी

मैग्नीशियम की कमी शरीर को बेजान बना सकती है। इसकी कमी होने से थकान महसूस होती है, थोड़ा काम करने पर शरीर थका हुआ महसूस होता है, मांसपेशियों में खिंचाव रहता है, ऐंठन बनी रहती है, नींद आने में परेशानी होती है, दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है और बेचैनी पैदा करती है। इसकी वजह से बीपी बढ़ सकता है, पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, सिरदर्द और कब्ज की समस्या हो सकती है। महिलाओं को पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) होने का खतरा भी बना रहता है।अब सवाल है कि कितना मैग्नीशियम रोजाना शरीर के लिए जरूरी होता है। पुरुषों के लिए रोजाना 400-420 एमजी, जबकि महिलाओं के लिए 300-320 एमजी मैग्नीशियम की जरूरत होती है। गर्भवती महिलाओं के लिए 360 एमजी तक आवश्यक है।

स्रोत:

यह कद्दू के बीज, पालक, बादाम, केला, और साबुत अनाज जैसे खाद्य पदार्थों में आसानी से पाया जाता है।मैग्नीशियम आसानी से आहार और सूखे मेवों में मिल जाता है। इसके लिए कद्दू के बीज, सफेद तिल, पालक, केला, राजमा, काजू, मूंगफली, बादाम और जई में मिल जाता है। रोजाना सूखे मेवों का सेवन करना चाहिए। मेवे का सेवन रातभर पानी में भिगोने के बाद ही करें, क्योंकि इससे सूखे मेवों में मौजूद टैनिन निकल जाता है और ये पाचन में आसान हो जाते हैं।

मैग्नीशियम क्यों जरूरी है?

हड्डियों और दाँतों की मजबूती- यह कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

मांसपेशी और तंत्रिका कार्य- यह तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को शांत करता है, चिड़चिड़ापन और चिंता को कम करता है, और मांसपेशियों के संकुचन व आराम को नियंत्रित करता है।

हृदय स्वास्थ्य: यह रक्तचापको नियंत्रित करने और स्वस्थ हृदय गति बनाए रखने में महत्वपूर्ण है।

ब्लड शुगर नियंत्रण: यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है, जिससे मधुमेह का खतरा कम होता है।

बेहतर नींद: यह न्यूरोट्रांसमीटर को नियंत्रित करके नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।



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