Lifestyle: जीवन को संतुलन देने के लिए योग क्यों है आवश्यक?
आधुनिक जीवनशैली में भारत की प्राचीन विद्या योग एक ऐसी कुंजी है जो हमें शारीरिक, मानसिक और आत्मिक संतुलन प्रदान कर सकती है। योग केवल कुछ आसन या व्यायामों का समूह नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है,

नई दिल्ली। आधुनिक जीवनशैली में तनाव, अनियमित खानपान और शारीरिक निष्क्रियता के कारण स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां बढ़ रही हैं। ऐसे में, भारत की प्राचीन विद्या योग एक ऐसी कुंजी है जो हमें शारीरिक, मानसिक और आत्मिक संतुलन प्रदान कर सकती है। योग केवल कुछ आसन या व्यायामों का समूह नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है, जो 'युज' (जोड़ना) धातु से निकला है – जिसका अर्थ है मन, शरीर और आत्मा का एकजुट होना। आइए जानें क्यों है योग आज की जरूरत?
तनाव और चिंता पर नियंत्रण:
आज हर कोई किसी न किसी तरह के तनाव से जूझ रहा है। योग में शामिल प्राणायाम (श्वास तकनीक) और ध्यान मन को शांत करने में मदद करते हैं। ये तकनीकें तंत्रिका तंत्र को आराम देती हैं, जिससे चिंता और अवसाद के लक्षणों में कमी आती है और मानसिक स्पष्टता बढ़ती है।
शारीरिक स्वास्थ्य और लचीलापन:
योगासन शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, उनमें लचीलापन लाते हैं और सही मुद्रा (पोश्चर) बनाए रखने में सहायक होते हैं। नियमित योग से गठिया, कमर दर्द और माइग्रेन जैसी कई पुरानी बीमारियों के लक्षणों में कमी आती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
बेहतर जीवनशैली :
योग वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है, पाचन क्रिया को सुधारता है और बेहतर नींद को बढ़ावा देता है। यह कार्डियोवैस्कुलर कार्यप्रणाली को भी सुधारता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है।
एकाग्रता और आत्म-जागरूकता:
छात्रों और कामकाजी पेशेवरों के लिए योग एक शक्तिशाली साधन है। यह एकाग्रता में सुधार करता है और व्यक्ति को अपने शरीर की जरूरतों और भावनाओं के प्रति अधिक जागरूक बनाता है। योग हमें सिखाता है कि स्वास्थ्य केवल रोगों की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि संपूर्ण कल्याण की अवस्था है। यह एक ऐसी आदत है जिसे अपनाकर हर कोई दिव्य शांति और समरसता को प्राप्त कर सकता है।


