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पर्वतासन: एक ऐसा आसन सर्दियों में शरीर को बनाए फिट और फुर्तीला

सर्दियों के मौसम में आलस्य और ठंड के कारण जोड़ों में अकड़न होती है, पर्वतासन एक सरल और प्रभावशाली समाधान है। इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त संचार तेज़ होता है, जिससे हाथ-पैर गर्म रहते हैं और थकान व झनझनाहट दूर होती है।

YBN Desk
पर्वतासन: एक ऐसा आसन सर्दियों में शरीर को बनाए फिट और फुर्तीला
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नई दिल्ली। सर्दियों के मौसम में आलस्य और ठंड के कारण जोड़ों में अकड़न होना आम है, लेकिन पर्वतासन इसका एक सरल और प्रभावशाली समाधान है। इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त संचार तेज़ होता है, जिससे हाथ-पैर गर्म रहते हैं और थकान व झनझनाहट दूर होती है। पर्वतासन रीढ़ की हड्डी को सीधा और लचीला बनाता है, तथा कंधों और पीठ की जकड़न को कम करता है। यह आसन फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और श्वसन तंत्र को मजबूत करता है। इसे वज्रासन या पद्मासन में बैठकर आसानी से किया जा सकता है, जिससे यह हर उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है। यह न केवल शारीरिक मजबूती देता है, बल्कि तनाव कम करके मन को भी शांत रखता है।

जोड़ों में अकड़न

सर्दी का मौसम शुरू होते ही आलस्य और ठंड के कारण जोड़ों में अकड़न होना आम है। ऐसे में योग शरीर को गर्म रखने, ऊर्जा बढ़ाने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने में सहायक होता है। इन्हीं में से एक सरल और अत्यंत प्रभावशाली आसन है, पर्वतासन। पर्वतासन का अर्थ है पर्वत की तरह स्थिर और मजबूत होना। जिस प्रकार पर्वत किसी भी परिस्थिति में अडिग होता है, उसी तरह यह आसन भी शारीरिक स्थिरता, मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास दिलाने में मदद करता है। यह आसन देखने में भले ही सरल लगता है, लेकिन इसके नियमित अभ्यास से शरीर को काफी फायदा मिलता है। दिलचस्प बात है कि इसे किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं।

शारीरिक समस्याओं से निजात

आयुष मंत्रालय ने इस आसन को अत्यंत असरदार और उपयोगी बताया है। रोजाना पर्वतासन करने से शरीर को कई सारे लाभ मिलते हैं, साथ ही यह रक्त संचार को तेज करता है और कई शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में भी मदद करता है। इसके नियमित अभ्यास से रक्त संचार बढ़ता है, थकान और पैरों की झनझनाहट दूर होती है, कंधे व कमर मजबूत होते हैं, और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। साथ ही, तनाव कम होता है और श्वसन क्षमता बढ़ती है।

इसे करने का सही तरीका

योग विशेषज्ञों ने इसे करने का सही तरीका बताया है। इसको करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन या सुखासन की मुद्रा में आराम से मैट पर बैठ जाएं। दोनों हाथ सिर के ऊपर ले जाकर उंगलियों को आपस में लॉक कर लें। सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर खींचें, कंधे कान से दूर रखें, पीठ और कमर सीधी रखें। 15 से 20 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें और गहरी सांस लें। इसके बाद धीरे-धीरे हाथ नीचे लाएं और वापस की स्थिति में आएं। इसे 5 से 10 बार दोहराएं। इस आसन को किसी भी उम्र वर्ग के लोग कर सकते हैं, यदि कोई शारीरिक समस्या, गंभीर बीमारी या फिर हाल ही में सर्जरी हुई है, तो वे इसे करने से परहेज करें या किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"


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