Top
Begin typing your search above and press return to search.

सिंहगर्जनासन: खर्राटों से राहत और मजबूत श्वसन तंत्र के लिए एक शक्तिशाली योग मुद्रा

सिंहगर्जनासन जिसे 'लायन पोज़' भी कहते हैं, खर्राटों की समस्या दूर करने में प्रभावी योगासन है। यह गले की मांसपेशियों को मजबूत बनाता, श्वसन तंत्र को खोलकर सांस की रुकावट को भी कम करता है।

YBN Desk
सिंहगर्जनासन: खर्राटों से राहत और मजबूत श्वसन तंत्र के लिए एक शक्तिशाली योग मुद्रा
X

नई दिल्ली। सिंहगर्जनासन जिसे 'लायन पोज़' भी कहते हैं, खर्राटों की समस्या को दूर करने में एक बेहद प्रभावी योगासन है। यह न केवल गले की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, बल्कि श्वसन तंत्र को खोलकर सांस की रुकावट को भी कम करता है।

अभ्यास की विधि-

वज्रासन में बैठकर घुटनों को फैलाएं। हाथों को घुटनों के बीच ज़मीन पर इस तरह टिकाएं कि उंगलियां शरीर की ओर हों। गहरी सांस अंदर लें।सांस छोड़ते समय मुंह खोलें, जीभ को पूरा बाहर निकालें और सिंह की तरह गर्जना करें।इस प्रक्रिया को 5-10 बार दोहराएं। सिंहगर्जनासन एक शक्तिशाली योग मुद्रा है, जो खर्राटों की समस्या को दूर करने में बेहद प्रभावी है। यह आसन गले की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, श्वसन तंत्र को खोलता है और सांस की रुकावट को कम करता है। इसके नियमित अभ्यास से कई फायदे मिलते हैं।

फायदे-

मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के अनुसार, सिंहगर्जनासन एक सरल और प्रभावी योगासन है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह आसन सिंह की मुद्रा और गर्जना की नकल करता है, जिससे चेहरे, गले और श्वसन तंत्र को विशेष लाभ मिलता है। यह आसन थायरॉइड, टॉन्सिल, हकलाहट और तनाव में भी राहत देता है, साथ ही आवाज़ को मधुर और मजबूत बनाता है। नियमित अभ्यास से अच्छी नींद आती है और इम्यूनिटी बढ़ती है। सिंहगर्जनासन नियमित अभ्यास से तनाव कम होता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।

आसान विधि

सिंहगर्जनासन अभ्यास की विधि भी आसान है। सबसे पहले वज्रासन मुद्रा में बैठें। इसके लिए घुटनों को फैलाकर बैठें, एड़ियां नितंबों के नीचे रखें और पैरों के अंगूठे एक-दूसरे को छूते हुए हों। हाथों को घुटनों पर रखें या उंगलियां शरीर की ओर करके जमीन पर टिकाएं। रीढ़ की हड्डी सीधी रखें। अब ठोड़ी को दो-तीन इंच ऊपर उठाएं और भौहों के बीच की ओर देखें। इस दौरान नाक से गहरी सांस लें। सांस छोड़ते समय मुंह खोलें, जीभ को पूरी तरह बाहर निकालें और सिंह की तरह ध्वनि के साथ गर्जना करें। इस प्रक्रिया को 5-10 बार दोहराना चाहिए। अभ्यास के बाद सामान्य सांस लें और आराम करें।

मुंह की समस्याओं में राहत

सिंहगर्जनासन गले, कान, नाक, आंख और मुंह की समस्याओं में राहत प्रदान करता है। टॉन्सिल, थायरॉइड और सांस संबंधी समस्याओं में लाभदायक है। चेहरे की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे चेहरे पर चमक आती है और समय से पहले झुर्रियां नहीं पड़तीं। यह तनाव, क्रोध और अनिद्रा को दूर करता है तथा भावनात्मक संतुलन बनाए रखता है। यह आसन आवाज को मधुर और मजबूत बनाता है, हकलाहट में सुधार करता है। यही नहीं, यह श्वसन प्रणाली को मजबूत कर इम्यूनिटी बढ़ाता है और सीने की जकड़न दूर करता है।

मुंह की समस्याओं में राहत

योग विशेषज्ञों का कहना है कि सिंहगर्जनासन के रोजाना अभ्यास से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। हालांकि, कुछ सावधानियां रखनी जरूरी है। घुटनों, गले, चेहरे या जीभ में चोट या दर्द हो तो यह आसन न करें। हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग वाले मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। गर्जना करते समय जोर न लगाएं, अन्यथा गले में खराश हो सकती है। शुरुआत में योग प्रशिक्षक की देखरेख में अभ्यास करें। गर्भवती महिलाएं या कोई गंभीर बीमारी वाले लोगों को भी सावधानी बरतनी चाहिए।

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"


Related Stories
Next Story
All Rights Reserved. Copyright @2019
Powered By Hocalwire