वृक्षासन: पैरों, घुटनों और रीढ़ की हड्डी को मिलेगी मजबूती, जानें- सही तरीका
रोजाना योग करने से शरीर में संतुलन, ध्यान और शारीरिक स्थिरता आती है। वृक्षासन एक ऐसा योगासन है, जो शरीर को पेड़ की तरह स्थिरता और संतुलन देता है।

नई दिल्ली। योग में वृक्षासन संतुलन और एकाग्रता के लिए जाना जाता है। यह आसन न केवल पैरों, टखनों, घुटनों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, बल्कि रीढ़ की हड्डी को सीधा और बलवान बनाने में भी सहायक है। रोजाना योग करने से शरीर में संतुलन, ध्यान और शारीरिक स्थिरता आती है। वृक्षासन एक ऐसा योगासन है, जो शरीर को पेड़ की तरह स्थिरता और संतुलन देता है।यह आसन उन लोगों के लिए ज्यादा लाभकारी है जो मानसिक तनाव, ध्यान लगाने में कमी और शारीरिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं।
नियमित अभ्यास
'वृक्ष' शब्द का अर्थ है 'पेड़'। इस आसन के अभ्यास की अंतिम अवस्था में शारीरिक स्थिति एक वृक्ष के आकार के समान होती है। इसलिए इसे वृक्षासन कहा जाता है। इसके अलावा, इस आसन के नियमित अभ्यास से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में काफी सुधार होता है। यह योग रक्त परिसंचरण को बेहतर करता है और पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है।
एक संतुलनकारी योगासन
आयुष मंत्रालय के अनुसार, वृक्षासन एक संतुलनकारी योगासन है, जो शरीर की स्थिरता, मानसिक एकाग्रता और शारीरिक मजबूती देता है। यह पैरों, घुटनों और रीढ़ को मजबूत करता है और तनाव कम करता है, जिससे सहनशीलता, धैर्य और आंतरिक शांति बढ़ती है।
अभ्यास का सही तरीका:
सीधे खड़े हो जाएं और अपने शरीर का भार एक पैर पर डालें।दूसरे पैर को मोड़कर उसके तलवे को खड़े पैर की जांघ पर रखें (घुटने पर नहीं)।संतुलन बनाए रखते हुए, दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाकर नमस्ते की मुद्रा बनाएं।निश्चित बिंदु पर दृष्टि केंद्रित करें।कुछ देर रुककर, धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में आएं और दूसरी तरफ से दोहराएं।यह आसन मानसिक शांति और एकाग्रता में भी सुधार लाता है।
शुरुआत में संतुलन
'वृक्षासन' के शुरुआत में संतुलन बनाने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए इसको करने के लिए पहले दीवार का सहारा ले सकते हैं। इसको करने के लिए योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दाहिने घुटने को मोड़कर दाएं पैर को बाईं जांघ पर रखें और बाएं पैर को सीधा रखते हुए शरीर का संतुलन बनाएं। हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और हथेलियों को एक साथ मिलाकर नमस्ते मुद्रा में लाएं। कुछ समय तक इस अवस्था में रहें। फिर, अपनी क्षमता के अनुसार सामान्य स्थिति में आ जाएं।
डॉक्टर का परामर्श
यह योगासन शुरुआती करने में संतुलन बनाने में दिक्कत आ सकती है, लेकिन रोज करने से संतुलन बनने लगेगा। शुरुआत में इसे अपनी क्षमता के अनुसार 15-30 तक करें। फिर, धीरे-धीरे जब संतुलन बनने लगे, तो इसे 1 मिनट भी कर सकते हैं। इस दौरान गहरी और स्थिर सांस लें। यह एकाग्रता और स्थिरता में मदद करता है। इसके अलावा इस आसन को शुरू करने से पहले डॉक्टर का परामर्श जरूर लें, अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं।
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"


